शारीरिक व मानसिक थकान: काफी पीने से शरीर और दिमाग की थकान एवं भोजन के बाद पेट में होने वाली गड़बड़ियां दूर हो जाती है। भोजन के बाद काफी पी लेने से
दर्द: कहीं भी कैसा भी दर्द हो, कॉफी पीने से दर्द कम हो जाता है। कॉफी में कैफीन तत्व होता है जो दिमाग के अनुभव केन्द्र जिसे सेन्सरी कार्टेक्स कहा जाता है को प्रभावित कर उत्तेजना लाता है। इससे दर्द कम हो जाता है।
दमा या श्वास रोग:
दर्द: कहीं भी कैसा भी दर्द हो, कॉफी पीने से दर्द कम हो जाता है। कॉफी में कैफीन तत्व होता है जो दिमाग के अनुभव केन्द्र जिसे सेन्सरी कार्टेक्स कहा जाता है को प्रभावित कर उत्तेजना लाता है। इससे दर्द कम हो जाता है।
दमा या श्वास रोग:
- दमा के रोगी को सांस रुक-रुककर आने पर कॉफी पिलाने से आराम आता है।
- दमा का दौरा पड़ने पर गर्मा-गर्म कॉफी बिना दूध और चीनी डालकर पीने से आराम मिलता है।
सर्दी-जुकाम |
दर्द व सूजन: कॉफी पीने से दर्द कम होता है। कॉफी में कैफीन तत्त्व होता है जो दिमाग के अनुभव-केन्द्र जिसे सेन्सरी कार्टेक्स कहते हैं को प्रभावित कर उत्तेजना लाता है। इससे दर्द कम होता है।
चुस्ती-फूर्ती: शरीर में स्फूर्ति पैदा करने के लिए कॉफी के बीजों को भूनकर चूर्ण बनाकर पानी में उबालकर पीना चाहिए।
पेट में दर्द:
- कॉफी को भोजन करने के बाद पीने से भोजन के बाद हुआ दर्द, अफीम खाने से हुई गड़बड़ी और पेट के दर्द में लाभ होता हैं।
- खानपान से होने वाला पेट दर्द, अफीम खाने से हुई तेज अपच (भोजन का न पचना), ऐसी हालत में तेज काफी पीने से स्फूर्ति आती है। अनिन्द्रा (नींद न आना) से उत्पन्न थकान भी काफी पीने से दूर हो जाती है। काफी पीने से मस्ती प्रतीत होती है।
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