सूखे मेवे बहुत शक्तिवर्द्धक होते हैं। ये मस्तिष्क एवं शरीर के लिये टॉनिक का काम करता है, जो उन्हें स्वस्थ एवं पुष्ट बनाता हैं। यदि ३५ ग्राम मेवाओं का - जिसमें संतृप्त वसा एवं कोलेस्ट्रॉल की
मात्रा कम होती है- का प्रतिदिन
सेवन किया जाए, तो हृदय रोग की आशंका कम
हो सकती है। अक्सर हम कुछ
मेवों को खाने से पहले पानी में भिगो देते हैं और फिर उसका सेवन करते हैं। क्या आपको मालूम है इसके पीछे का कारण? ठीक अनाज की तरह मेवों में भी फीटिक एसिड पाया जाता है जो कि उसे शिकारियों से
बचाने का काम करता है और पकने
का मौक देता है। अगर मेवे को बिना भिगोए खाया जाए तो इसमें मौजूद एसिड उसे ठीक से पचने नहीं देता। मेवे को कुछ घंटे भिगो कर खाने पर उसमें से एसिड निकल
जाता है और मौजूदा एंजाइम
बेअसर हो जाता है, जिससे वह आसानी से पच
जाता है। ऐसा करने से मेवे में मौजूद विटामिन और पोषक तत्व भी शरीर दृारा असानी
से ग्रहण कर लिया जाता
है। अगर मेवे को हल्के गरम पानी में भिगो दें, तो उसका छिलका आराम से निकाला जा सकता है। अगर पानी में थोड़ा सा नमक भी
मिक्स कर दिया जाए तो एंजाइम
बेअसर हो जाते हैं। सूखे
मेवे खाने के स्वास्थ्य लाभ मेवे खाने से पहले क्यूं भिगोएं पानी में? मेवे को पानी में भिगोने का एक और फायदा यह भी है कि
ऐसा करने से धूल अवशेषों
और टैनिन से छुटकारा मिल जाता है। जिस पानी में मेवे भिगोए गए थे उसका प्रयोग खाना बनाते वक्त नहीं करना चाहिये, क्योंकि इसमें घातक पदार्थ हो सकते हैं।
कौन से मेवे कितने घंटे भिगोना चाहिये :
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